Loading...

लेह हिंसा-वांगचुक की पत्नी की SC में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका

वांगचुक की पत्नी बोलीं- एक हफ्ता बीता, डिटेंशन ऑर्डर कॉपी नहीं मिली

गीतांजलि ने X पर एक पोस्ट में लिखा- आज एक हफ्ता हो गया है। अभी भी मुझे सोनम की सेहत, उनकी हालत और नजरबंदी के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अंगमो ने वकील सर्वम ऋतम खरे के जरिए दायर याचिका में वांगचुक की हिरासत को चुनौती दी है। साथ ही उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है।वांगचुक के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने के फैसले पर भी सवाल उठाया है। अंगमो का आरोप है कि उन्हें अभी तक हिरासत आदेश की कॉपी नहीं मिली है, जो नियमों का उल्लंघन है।

क्या है हैबियस कार्पस...

हेबियस कार्पस लैटिन भाषा का शब्द है, इसका मतलब होता है- शरीर सामने लाओ। यानी किसी व्यक्ति को गैर-कानूनी ढंग से गिरफ्तार किया है, हिरासत में रखा है, तो अदालत उस व्यक्ति को तुरंत कोर्ट के सामने पेश करने का आदेश दे सकती है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 और 226 के तहत यह अधिकार हर नागरिक को मिला है। कोई भी व्यक्ति, उसका परिवार/दोस्त हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में हेबियस कॉर्पस रिट दायर कर सकता है। आदेश के बाद पुलिस को पूरी जानकारी कोर्ट के सामने रखनी होती है।

गीतांजलि का आरोप- उनका पीछा किया जा रहा है

अंगमो ने ANI को बताया, "दिल्ली में हर जगह मेरा पीछा किया जा रहा है। मैं जहां भी जाती हूं, एक कार मेरा पीछा करती है। हमारे साथ मिलकर काम करने वाले एक कर्मचारी को हिरासत में लिया गया है। उसे पीटा जा रहा है और मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।"

लेह में 9 दिन बाद कर्फ्यू में ढील, स्कूल खुले

लेह में लद्दाख प्रशासन के कर्फ्यू में ढील दिए जाने के बाद लोगों के रोजमर्रा के काम फिर से शुरू हो गए हैं। ढील के तहत दुकानों को सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई। स्कूल कई दिनों के बंद रहने के बाद फिर से खुल गए हैं। लेह डीएम ने मिनी बसों और बाकी पब्लिक ट्रांसपोर्ट को भी 9 दिनों के बाद फिर से शुरू करने की परमिशन दे दी है।

PM, प्रेसिडेंट और गृह मंत्री को लेटर लिख चुकीं अंगमो

अंगमो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृह मंत्री अमित शाह, लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और लेह जिला कलेक्टर को लेटर लिखा था। जिसकी कॉपी उन्होंने X पर शेयर की।

अंगमो का आरोप है कि वांगचुक को शांत कराने के लिए पिछले महीने से विच हंट शुरू किया गया है। अंगमो ने कहा कि वांगचुक कभी भी किसी के लिए खतरा नहीं हो सकते, अपने राष्ट्र की तो बात ही छोड़ दें।

सोनम की गिरफ्तारी के बाद पत्नी के 3 रिएक्शन...

  • 2 अक्टूबर: X पर लिखा- क्या भारत सचमुच आजाद है। 1857 में 24,000 अंग्रेजों ने महारानी के आदेश पर 30 करोड़ भारतीयों पर अत्याचार करने के लिए 1.35 लाख भारतीय सिपाहियों का इस्तेमाल किया था। आज, गृह मंत्रालय के आदेश पर, एक दर्जन प्रशासक 2400 लद्दाखी पुलिस का दुरुपयोग करके 3 लाख लद्दाखियों पर अत्याचार और अत्याचार कर रहे हैं।
  • 1 अक्टूबर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेटर लिखा। राष्ट्रपति एक आदिवासी होने के चलते लद्दाख के लोगों की भावनाओं को समझें। यह लेटर PM नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को भी भेजा। अंगमो ने सोनम वांगचुक की बिना शर्त रिहाई की मांग की।
  • 28 सितंबर: न्यूज एजेंसी PTI से कहा था- वांगचुक ने हमेशा गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन किया है। 24 सितंबर की हिंसा के लिए CRPF जिम्मेदार हैं। सोनम की पाकिस्तान की यात्राएं जलवायु परिवर्तन से जुड़ी थीं। हम संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन में गए थे। हिमालय के ग्लेशियर के पानी में हम भारत-पाकिस्तान नहीं देखते।