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दुर्गापुर गैंगरेप केस- पीड़ित एक आरोपी की गर्लफ्रेंड:वॉटसएप चैट से खुलासा; पुलिस बोली- दोनों ने बयान बदलकर गुमराह किया

14 अक्टूबर को बॉयफ्रेंड को अरेस्ट किया गया था पुलिस ने मंगलवार को पीड़ित के दोस्त वासिफ अली को गिरफ्तार किया था। इससे पहले पुलिस ने मुख्य आरोपी सफीक एसके को भी गिरफ्तार कर लिया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्य आरोपी की बड़ी बहन रोजीना ने अपने फरार भाई को गिरफ्तार कराने में मदद की। रोजीना ने बताया कि 13 अक्टूबर को जब उसका भाई दुर्गापुर में अंडाल पुल के नीचे उससे मिलने पहुंचा तो वह पुलिस को लेकर वहां पहुंच गई।

इसके बाद पुलिस ने उसे घेरकर गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले एसके रियाजुद्दीन, अपू बरुई और फिरदौस एसके को 12 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था।

रियाजुद्दीन पहले पीड़ित छात्रा के मेडिकल कॉलेज में गार्ड था। उसे पांच साल पहले नौकरी से निकाल दिया था। दुर्गापुर पुलिस मंगलवार को पांचों आरोपियों और पीड़ित के दोस्त को लेकर जंगल में घटनास्थल पर पहुंची और उनसे 10 अक्टूबर की रात गैंगरेप के समय अपना-अपना रोल दोहराने को कहा।

दोस्त के साथ डिनर पर गई थी छात्रा, लौटते समय गैंगरेप दुर्गापुर में 10 अक्टूबर की रात मेडिकल स्टूडेंट के साथ गैंगरेप हुआ था। वह अपने एक दोस्त के साथ डिनर पर गई थी। रात में करीब 10 बजे वापस लौटते समय कुछ लोगों ने उनका रास्ता रोका। इसके बाद पीड़ित का दोस्त उसे छोड़कर वहां से भाग गया।

इसके बाद आरोपियों ने जंगल में पीड़ित को ले जाकर उसके साथ रेप किया। पीड़ित का इलाज चल रहा है। वह ओडिशा की रहने वाली है और दुर्गापुर के एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में सेकेंड ईयर की स्टूडेंट है। यह पूरी घटना उसके मेडिकल कॉलेज कैंपस के पास हुई।

पीड़ित के पिता बोले- बंगाल में औरंगजेब का शासन

इधर, पीड़ित के पिता ने सोमवार को सीएम ममता बनर्जी के बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताया। पिता ने कहा- वह (मुख्यमंत्री) भी एक महिला हैं। वह (ममता बनर्जी) इतनी गैर-जिम्मेदाराना बात कैसे कह सकती हैं?

उन्होंने कहा- क्या महिलाओं को अपनी नौकरी छोड़कर घर बैठ जाना चाहिए? ऐसा लगता है कि बंगाल औरंगजेब के शासन में है। मैं अपनी बेटी को वापस ओडिशा ले जाना चाहता हूं। उसकी जिंदगी पहले है, उसका करियर बाद में।

12 अक्टूबर: ममता बोलीं- लड़कियों को रात में बाहर नहीं जाना चाहिए

CM ममता ने 12 अक्टूबर को कहा था- मैं इस घटना को देखकर स्तब्ध हूं, लेकिन निजी मेडिकल कॉलेजों को भी अपने छात्रों, खासकर लड़कियों का ध्यान रखना चाहिए। पीड़ित रात के 12:30 बजे बाहर कैसे आ गई।

ममता ने आगे कहा-

लड़कियों को रात में बाहर नहीं निकलने देना चाहिए। उन्हें अपनी सुरक्षा खुद करनी होगी। खासकर सुनसान इलाकों में सतर्क रहना चाहिए। इस घटना की पूरी जिम्मेदारी कॉलेज प्रशासन की है। निजी कॉलेजों को छात्राओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

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