दिल्ली भगदड़-रेल मंत्री बोले, सामान गिरने से हादसा हुआ था:बयान में 'भगदड़' शब्द नहीं; RPF ने गलत अनाउंसमेंट को बताई थी वजह
एक पैसेंजर के सिर पर रखा सामान गिरने से 15 फरवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ हुई थी। सामान गिरने से यात्री सीढ़ियों पर गिर पड़े थे।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के प्रश्न पर यह लिखित उत्तर दिया। हालांकि, उन्होंने शुक्रवार को राज्यसभा में दिए अपने जवाब में 'भगदड़' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया।
15 फरवरी को महाकुंभ में शामिल होने प्रयागराज जाने के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ थी। इस दौरान हुई भगदड़ में 18 लोगों की जान गई थी जबकि 15 लोग घायल हुए थे।
हादसे के कुछ दिन बाद रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि प्रयागराज जाने वाली कुंभ स्पेशल ट्रेन के प्लेटफॉर्म बदलने के अनाउंसमेंट से हादसा हुआ।
रेल मंत्री ने शुक्रवार को बताया कि उस दिन स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ कंट्रोल करने के उपाय किए गए थे। उन्होंने बताया रात 8:15 बजे के बाद फुटओवर ब्रिज (FOB) पर यात्रियों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ने लगी।
कई यात्री अपने सिर पर बहुत ज्यादा सामान लादे हुए थे। इससे FOB पर आवाजाही प्रभावित हुई। एक यात्री के सिर से बहुत ज्यादा सामान गिरा और उसका दबाव प्लेटफार्म 14 और 15 की सीढ़ियों पर पड़ा। इससे सीढ़ियों पर यात्री लड़खड़ा गए और एक दूसरे पर गिर पड़े। इसी वजह से रात 8:48 बजे FOB-3 पर यह घटना घटी।
रेल मंत्री ने मार्च में लोकसभा को बताया था कि हादसे वाले दिन रेलवे स्टेशन पर करीब 49 हजार जनरल टिकट बेचे गए थे। यह रोजाना के औसत से 13 हजार ज्यादा थे।
RPF ने दिल्ली जोन को एक रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें बताया गया था कि 15 फरवरी की रात करीब 8.45 बजे घोषणा की गई कि प्रयागराज जाने वाली कुंभ स्पेशल प्लेटफॉर्म नंबर 12 से रवाना होगी। कुछ देर बाद एक और घोषणा की गई कि कुंभ स्पेशल ट्रेन प्लेटफॉर्म 16 से रवाना होगी। इसके बाद भगदड़ की स्थिति बनी।
रिपोर्ट के मुताबिक इस समय मगध एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म 14 पर और उत्तर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस प्लेटफार्म 15 पर खड़ी थी। प्रयागराज एक्सप्रेस में चढ़ने के लिए यात्रियों की भीड़ भी प्लेटफॉर्म 14 पर मौजूद थी। यानी तीन ट्रेनों से आने-जाने वालों की भीड़ प्लेटफॉर्म पर पहले से मौजूद थी।
घोषणा सुनकर यात्री प्लेटफॉर्म 12-13 और 14-15 से फुटओवर ब्रिज 2 और 3 के जरिए सीढ़ियां चढ़ने की कोशिश करने लगे। इस दौरान मगध एक्सप्रेस, उत्तर संपर्क क्रांति और प्रयागराज एक्सप्रेस के यात्री सीढ़ियों से उतर रहे थे। धक्का-मुक्की के बीच कुछ यात्री फिसलकर सीढ़ियों पर गिर गए और भगदड़ मच गई।
पुलिस ने कहा- जान बचानी है तो लौट जाओ: प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि स्टेशन पर इतनी भीड़ थी कि पैर रखने की जगह नहीं थी। ट्रेन में लोग ठुंसे हुए थे। चुनिंदा पुलिस वाले दिख रहे थे। पुलिस वाले लोगों से बोल रहे थे कि जान बचानी है तो लौट जाइए। आप लोगों के पैसे नहीं गए हैं। आपकी जान बची है।
कन्फर्म टिकट वाले भी डिब्बे में नहीं घुस सके: प्रयागराज जा रहे प्रमोद चौरसिया बताया कि मेरे पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस के स्लीपर का टिकट था, लेकिन इतनी भीड़ थी कि कन्फर्म टिकट वाले भी डिब्बे में नहीं घुस पा रहे थे। वहां इतनी धक्का-मुक्की थी कि हम जैसे-तैसे भीड़ से बाहर निकल सके।
ट्रेनों के कैंसिल और लेट होने से भीड़ बढ़ी: प्रत्यक्षदर्शी धर्मेंद्र सिंह ने बताया, 'मैं भी प्रयागराज जा रहा था। दो ट्रेनें पहले से ही देरी से चल रही थीं, कुछ रद्द कर दी गई थीं। इसलिए स्टेशन पर बेतहाशा भीड़ थी। मैंने जिंदगी में पहली बार इस स्टेशन पर इतनी भीड़ देखी। मैंने खुद छह-सात महिलाओं को स्ट्रेचर पर ले जाते हुए देखा।'
रेल मंत्री ने बताया कि मृतक के परिवार को 10 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपए और साधारण रूप से घायलों को 1 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया। 33 पीड़ितों और उनके परिवार के सदस्यों को कुल 2.01 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया।
उन्होंने बताया कि भीड़ को बेहतर ढंग से कंट्रोल करने के लिए रेलवे ने नए उपाय किए हैं। 73 स्टेशनों पर स्थायी होल्डिंग एरिया, कन्फर्म टिकट वाले यात्रियों के लिए एंट्री कंट्रोल, चौड़े फुट ओवरब्रिज, CCTV कैमरे और प्रमुख स्टेशनों पर वॉर रूम बनाए गए हैं।