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क्या पाकिस्तान से खेलना भारत की मजबूरी:BCCI ने बताए न खेलने के 4 नुकसान, एशिया कप में 3 भारत-PAK मुकाबले संभव

पाकिस्तान से आए आतंकियों ने भारत पर बड़ा हमला किया था। इस घटना के कुछ ही महीनों बाद भारत को पाकिस्तान से क्रिकेट सीरीज खेलनी थी। विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू किया। वे पूछते - जो पाकिस्तान हमारा खून बहा रहा है उसके साथ हम क्रिकेट क्यों खेलना चाहते हैं? इसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से खेल मंत्रालय को निर्देश आता है कि वे BCCI को कह दें कि भारतीय टीम पाकिस्तान के साथ मैच नहीं खेलेगी।

यह वाकया 2008 का है। पाकिस्तान से आए आतंकियों ने 26 नवंबर को मुंबई में बड़ा हमला किया था। इसके बाद दिसंबर में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान के साथ किसी भी द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज पर रोक लगा दी थी।

अब सीधा 2025 में लौटते हैं। पाकिस्तान अब भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आया है। पिछले 22 अप्रैल को वहां से आए आतंकियों ने कश्मीर के पहलगाम में 26 निर्दोर्षों की धर्म पूछकर हत्या कर दी। इसके बाद मांग उठने लगी है कि भारत को अब न सिर्फ द्विपक्षीय सीरीज बल्कि एशिया कप और वर्ल्ड कप जैसे मल्टी नेशनल इवेंट में भी पाकिस्तान का बायकॉट करना चाहिए। 9 सितंबर से UAE में एशिया कप होना है। भारतीय टीम घोषित हो गई है और इस टूर्नामेंट में तीन भारत-पाकिस्तान मैच संभव हैं।

पाकिस्तान से खेलने या न खेलने पर सरकार की ओर से अब तक कोई बयान नहीं आया है। हालांकि, BCCI नहीं चाहता कि भारत एशिया कप में पाकिस्तान का बायकॉट करे। दैनिक भास्कर ने इस मुद्दे पर BCCI के दो शीर्ष अधिकारियों से इसकी वजह पूछी। दोनों ने नाम सार्वजनिक न करने की शर्त पर 4 ऐसे कारण बताए जिनकी वजह से BCCI अब भी चाहता है कि एशिया कप हो और इसमें भारत-पाकिस्तान मुकाबले भी खेले जाएं...

1. पहला कारणः पाकिस्तान को फ्री पॉइंट्स क्यों दिए जाएं

BCCI अधिकारियों का कहना है कि भारतीय टीम टूर्नामेंट खेलते हुए सिर्फ पाकिस्तान का बायकॉट कर सकती है, लेकिन ऐसा करने से पाकिस्तान को फ्री के पॉइंट्स मिलेंगे। पाकिस्तान इन पॉइंट्स की बदौलत फाइनल में भी जा सकता है और चैंपियन भी बन सकता है। हमें पाकिस्तान को फ्री पॉइंट्स क्यों देना चाहिए।

2. दूसरा कारणः एशियन ब्लॉक में भारत का दबदबा कमजोर हो सकता है

एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) में अब तक भारत का दबदबा रहा है। अगर भारतीय टीम पाकिस्तान का बायकॉट करती है तो टूर्नामेंट फ्लॉप होगा। इससे टूर्नामेंट की कमाई पर भी असर पड़ेगा। ऐसा होने से ACC में भारत का रुतबा कमजोर हो सकता है और पाकिस्तान बाकी देशों को भारत के खिलाफ करने की मुहिम चला सकता है।

3. तीसरा कारणः ICC की राजनीति में भी BCCI कमजोर पड़ सकता है

एशियन ब्लॉक की एकजुटता की बदौलत BCCI इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) की राजनीति में भी मजबूत स्थिति में है। किसी मुद्दे पर अगर वोटिंग की जरूरत पड़ती है तो सभी एशियाई देश ज्यादातर मुद्दों पर BCCI का साथ देते हैं। इनमें पाकिस्तान भी शामिल है। जय शाह को ICC चेयरमैन बनाने के मामले में भी पाकिस्तानी बोर्ड ने BCCI का साथ दिया था। इससे पहले बड़े ICC टूर्नामेंट की होस्टिंग के लिए भारत और पाकिस्तान एक खेमे में रहते हुए वोट डालते आए हैं।

अगर भारतीय टीम पाकिस्तान का बायकॉट करती है तो एशियन ब्लॉक की एकजुटता कम होगी और ICC की राजनीति में भी BCCI की पोजिशन कुछ कमजोर हो सकती है।

4. चौथा कारणः ब्रॉडकास्टर की नाराजगी नहीं झेलना चाहते

BCCI अधिकारी ने बताया कि 2024 में ही अगले चार एशिया कप के ब्रॉडकास्ट राइट्स 170 मिलियन डॉलर (करीब 1500 करोड़ रुपए) में बेचे जा चुके हैं। एशिया कप के राइट्स को इतनी कीमत सिर्फ भारत-पाकिस्तान मुकाबलों की वजह से मिली है। भारत-पाकिस्तान मैच के विज्ञापन स्लॉट हर 10 सेकेंड के लिए 25 से 30 लाख रुपए में बिकते हैं। वहीं, भारत के अन्य मुकाबलों के लिए यह रकम आधी से कम हो जाती है। अगर भारतीय टीम पाकिस्तान से नहीं खेलती है तो ब्रॉडकास्टर ये स्लॉट अच्छी कीमत पर नहीं बेच पाएंगे और ब्रॉडकास्टर्स को भारी नुकसान होगा। ऐसे में आगे चल कर ब्रॉडकास्टर्स नजर में BCCI की विश्वसनीयता कम होगी।