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UP के बुलंदशहर में सड़क हादसा, 9 श्रद्धालुओं की मौत |

यूपी के बुलंदशहर में श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को कंटेनर ने पीछे से टक्कर मार दी। इससे ट्रैक्टर-ट्रॉली पलट गई। हादसे में मां बेटे सहित 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। 42 घायल हैं। इनमें से 3 की हालत नाजुक है।

मृतकों में 6 साल बच्चा, 5 पुरुष और 3 महिलाएं शामिल हैं। हादसा रविवार रात 2 बजे नेशनल हाईवे 34 पर अरनिया क्षेत्र के घटाल गांव के पास हुआ। श्रद्धालु कासगंज से जाहरबीर (गोगाजी) के दर्शन के लिए राजस्थान के गोगामेड़ी जा रहे थे।

पुलिस का कहना है कि श्रद्धालुओं ने ट्रॉली को डबल डेकर बना दिया था। ट्रॉली के बीच में लकड़ी लगाकर उसे दो हिस्सों में बांट दिया गया था, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग बैठ सकें। मुख्यमंत्री ने मृतक के परिवारों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए।

हादसे की सूचना मिलते ही डीएम श्रुति और SSP दिनेश कुमार सिंह मौके पर पहुंच गए। SSP ने बताया- 10 घायलों को बुलंदशहर जिला अस्पताल में और 23 को खुर्जा अस्पताल में भर्ती किया गया है।

10 घायलों को अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया है। कंटेनर का ड्राइवर फरार हो गया। कंटेनर में धान की भूसी भरी थी। हाईवे से ट्रैक्टर को हटाकर यातायात फिर से चालू करा दिया गया है।

मरने वाले सभी कासगंज के

मृतकों की पहचान कासगंज निवासी ईपू बाबू (40) रामबेटी (65), चांदनी (12) धनीराम (40), मोक्षी (40) शिवांश (6), योगेश (50), लेखराज (40) और विनोद (45) के रूप में हुई है। घायल राजकुमार ने बताया- ट्रैक्टर बहुत धीरे-धीरे चल रहा था। हम लोग नींद में थे।

बच्चे भी सब सो गए थे, तभी अचानक पीछे से कंटेनर ने टक्कर मार दी। इतनी जल्दी क्या हो गया, किसी को समझ में नहीं आया। बच्चे दर्द से चीख रहे थे। कुछ लोगों की तो मौके पर ही मौत हो गई थी। जहां हादसा हुआ, वहां कोई मोड़ भी नहीं था।

मृतक धनीराम के बेटे अर्जुन ने बताया कि हम चार बहन और दो भाई हैं। एक बहन की शादी हुई है। बाकी अभी किसी की नहीं हुई। हमारे पिता मजदूरी करने का काम करते थे। घर में मां हैं। पापा के भरोसे ही घर चलता था। हादसे में उनकी मौत हो गई।

होश आया तो देखा चीख पुकार मची थी

दशरथ ने बताया कि मंदिर जाने के लिए गांव के लोगों ने चंदा इकट्‌ठा किया था। उसके बाद गांव से शाम 5:00 बजे निकले थे। मैं भी ट्रैक्टर में सवार था। हम लोग लगभग 100 किलोमीटर चले थे तभी हादसा हो गया। हम सभी लोग सो गए थे। ट्रक ने पीछे से टक्कर मारी। मैं उछल कर सड़क पर जा गिरा।

मैं बेहोश हो गया। 5 मिनट बाद मुझे होश आया तो देखा चीख पुकार मची हुई थी। राहगीर अपनी गाड़ियां रोक कर लोगों को उठा रहे थे। 20 मिनट बाद पुलिस की टीम आई। उन्होंने सबको अस्पताल पहुंचाना शुरू किया।


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