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पश्चिम बंगाल- तृणमूल कांग्रेस का EC पर पक्षपात का आरोप:कहा- आयोग बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट से नाम हटाने की कोशिश कर रहा

पश्चिम बंगाल में चुनाव आयोग की ओर से बूथों की नई व्यवस्था को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। राज्य में बूथों की संख्या करीब 14 हजार बढ़ाई जा रही है। अब तक जहां 80 हजार से थोड़े ज्यादा बूथ थे, वहीं यह संख्या बढ़कर करीब 94 हजार हो जाएगी। हर बूथ पर अब 1500 की बजाय 1200 वोटर होंगे।

शुक्रवार को कोलकाता में मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) मनोज अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में टीएमसी ने इस फैसले का स्वागत तो किया, लेकिन कई गंभीर सवाल भी उठाए। राज्य मंत्री अरूप विश्वास ने कहा,

हमने कहा है कि अतिरिक्त बूथ उसी पोलिंग स्टेशन के भीतर हों, ताकि वोटर को दो किलोमीटर दूर न जाना पड़े। अगर रेफरी निष्पक्ष नहीं होगा, तो खेल कैसे निष्पक्ष होगा?

टीएमसी के अरूप विश्वास और सांसद पार्थ भौमिक ने आरोप लगाया कि आयोग विशेष गहन पुनरीक्षण के जरिए बड़े पैमाने पर वोटर लिस्ट से नाम हटाने की कोशिश कर रहा है। उधर, भाजपा नेता शिशिर बजोरिया ने सीईओ कार्यालय की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि 40% बूथ लेवल अफसर (बीएलओ) अस्थायी हैं और राज्य सरकार से जुड़े हैं।

इससे पहले 28 अगस्त को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि वे किसी को भी लोगों का मताधिकार नहीं छीनने देंगी। भाजपा बंगालियों पर भाषायी आतंक फैला रही है। बनर्जी ने दावा किया कि भाजपा ने वोटर लिस्ट से मतदाताओं के नाम हटाने के मकसद से करवाए जा रहे सर्वे के लिए दूसरे राज्यों से 500 से ज्यादा टीमें बंगाल में भेजी हैं।

ममता ने कहा- लेकिन जब तक मैं जिंदा हूं, किसी को भी मताधिकार नहीं छीनने दूंगी। आप खुद जांच करें कि आपका नाम अभी भी लिस्ट में है या नहीं। ममता कोलकाता में तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) के स्थापना दिवस पर बोल रही थीं।

पश्चिम बंगाल CM ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि वह राज्य सरकार के अधिकारियों को धमका रहा है। लेकिन उसका अधिकार क्षेत्र केवल चुनाव के दौरान तीन महीनों के लिए है, पूरे साल के लिए नहीं।

ममता ने पूछा- बंगाली भाषा ही नहीं तो राष्ट्रगान-राष्ट्रगीत कैसे बना

बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा स्वतंत्रता आंदोलन में बंगालियों की भूमिका को भुलाने की कोशिश कर रही है। ममता बोलीं- अगर बंगाली भाषा ही नहीं है, तो राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत किस भाषा में लिखे गए हैं?

उन्होंने कहा- वे चाहते हैं कि लोग स्वतंत्रता आंदोलन में बंगालियों की ऐतिहासिक भूमिका को भूल जाएं। हम इस भाषायी आतंक को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उनके पूर्वज अंग्रेजों के एजेंट थे जिन्होंने जेलों से बाहर निकलने के लिए वचन दिए थे।

अभिषेक का चैलेंज- BJP में दम तो 50 सीटें जीत कर दिखाए

TMC के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि भाजपा लोकतांत्रिक तरीके से बंगाल नहीं जीत सकती, इसलिए वे मतदाता सूची में छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मैं यकीन दिलाता हूं कि 2026 के चुनावों में जनादेश 2021 से भी बड़ा होगा।

उन्होंने कहा- न्यायपालिका का एक वर्ग, भाजपा, केंद्रीय एजेंसियां, सभी TMC के खिलाफ हैं, लेकिन 10 करोड़ बंगाली हमारे साथ हैं। अगर भाजपा में ताकत है, तो वे 50 सीटें जीतकर दिखाए।