चीन से किम जोंग का जूठा गिलास ले गए बॉडीगार्ड्स:पुतिन से मुलाकात के बाद फिंगरप्रिंट भी मिटाए
सीक्रेट जानकारी लीक होने का खतरा
- फिंगरप्रिंट से किसी भी इंसान के सीक्रेट दस्तावेज तक पहुंच हासिल की जा सकती है। फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल फोन, लैपटॉप, और सीक्रेट ठिकानों में एंट्री के लिए भी होता है।
- किसी भी देश के नेता का स्वास्थ्य ‘टॉप सीक्रेट’ माना जाता है। अगर ये जानकारी बाहर आ जाए तो दुश्मन देश उसकी कमजोरियों का फायदा उठा सकते हैं।
- विदेशी एजेंसियां स्वास्थ्य रिपोर्ट लीक कर यह छवि बना सकती हैं कि राष्ट्रपति कमजोर या बीमार हैं। इससे घरेलू राजनीति और जनता का भरोसा डगमगा सकता है।
- यही वजह है कि दुनिया के कई देशों की सिक्योरिटी एजेंसी विदेश दौरे पर अपने नेता के फिंगरप्रिंट साफ कर देती हैं और उनके मल-मूत्र वापस ले जाती है।
कोरोना के बाद पहली बार चीन पहुंचे किम जोंग
पत्रकार युनाशेव के मुताबिक, किम और पुतिन की मुलाकात अच्छी रही। दोनों नेता खुश थे और बाद में साथ में चाय पीने गए। किम ने पुतिन से कहा- अगर मैं रूस के लिए कुछ कर सकता हूं, तो मुझे खुशी होगी।
पुतिन ने उत्तर कोरिया को यूक्रेन में सैनिक भेजने के लिए शुक्रिया कहा। कोविड-19 के बाद किम जोंग का यह पहला चीन दौरा था। यहां उन्होंने पुतिन के साथ चीन की विक्ट्री डे परेड में हिस्सा लिया।
पुतिन का भी मल-मूत्र ले गए थे बॉडीगार्ड्स
ट्रम्प और पुतिन की पिछले महीने अलास्का में मुलाकात हुई थी। इस दौरान पुतिन के बॉडीगार्ड एक खास सूटकेस लेकर पहुंचे थे। इसे पूप सूटकेस कहा जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह सूटकेस पुतिन के मल-मूत्र को इकट्ठा करने के लिए था।
तब मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि पुतिन की टीम ऐसा इसलिए करती है ताकि कोई विदेशी एजेंसी उनके स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी न जुटा सके। फ्रांसीसी मैगजीन पेरिस मैच के मुताबिक, यह सुरक्षा प्रोटोकॉल नया नहीं है।