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पीरियड्स समय पर नहीं हो रहे:क्या करें, 10 कारणों से साइकल होता इर्रेगुलर, डाइट में शामिल करें ये 7 चीजें

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण महिलाओं में इर्रेगुलर पीरियड्स की समस्या तेजी से बढ़ रही है।

साल 2023 में दुनिया के पहले आयुर्वेद फेमटेक ब्रांड ‘गाइनोवेदा’ ने एक सर्वे किया। इस सर्वे में भारत की 18-45 साल की 3 लाख से अधिक महिलाओं ने हिस्सा लिया। सर्वे का उद्देश्य महिलाओं की मेंस्ट्रुअल हेल्थ से जुड़ी वास्तविक स्थिति को समझना था।

सर्वे में पता चला कि 70% महिलाओं को पीरियड्स में कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। इनमें इर्रेगुलर पीरियड्स, बहुत ज्यादा या बहुत कम ब्लीडिंग, पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द जैसी स्थितियां शामिल हैं।

स्टडी यह बताती है कि भारत में बड़ी संख्या में महिलाएं पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं से जूझ रही हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। हालांकि महिलाएं अपनी लाइफस्टाइल और डाइट में कुछ बदलाव करके इस समस्या से काफी हद तक छुटकारा पा सकती हैं।

  • पीरियड्स के इर्रेगुलर होने के पीछे क्या कारण हैं?
  • इससे निपटने के लिए क्या करना चाहिए?

एक्सपर्ट:

डॉ. अनु अग्रवाल, न्यूट्रिशनिस्ट और ‘वनडाइटटुडे’ की फाउंडर

डॉ. मानिनी पटेल, सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, जयपुर


सवाल- इर्रेगुलर पीरियड्स का क्या मतलब है?

जवाब- इर्रेगुलर पीरियड्स का मतलब पीरियड्स का समय पर न आना या हर महीने अलग-अलग समय पर आना है। सामान्य तौर पर पीरियड्स हर 21 से 35 दिन के बीच आते हैं और 3-7 दिन तक रहते हैं। लेकिन जब यह चक्र अनियमित हो जाए यानी कभी 15 दिन में तो कभी 40 दिन में या कभी महीने-दो महीने तक पीरियड्स न आएं तो इसे इर्रेगुलर पीरियड्स कहा जाता है। अगर पीरियड्स लगातार कई महीनों तक इर्रेगुलर बने रहें तो यह किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। इसके लिए डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है।

सवाल- इर्रेगुलर पीरियड्स के क्या कारण हैं?

जवाब- इर्रेगुलर पीरियड्स महिलाओं की फिजिकल, मेंटल और हॉर्मोनल कंडीशन से जुड़ा होता है। अनहेल्दी लाइफस्टाइल भी इसकी एक मुख्य वजह है। आजकल लड़कियों और महिलाओं में इर्रेगुलर पीरियड्स का सबसे आम कारण PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) है। इसमें अंडाशय (ओवरी) में छोटे-छोटे पानी भरे फोड़े (सिस्ट) बन जाते हैं, जिससे ओवुलेशन (अंडे बनना या बाहर निकलना) रुक जाता है। इस वजह से पीरियड्स समय पर नहीं आते या कई बार रुक भी जाते हैं। शरीर का वजन बहुत कम या ज्यादा होने पर भी ओवुलेशन प्रभावित होता है।

वहीं एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हॉर्मोन्स का संतुलन बिगड़ जाने से भी पीरियड्स इर्रेगुलर हो जाते हैं। यह थायरॉइड या अन्य एंडोक्राइन कारणों से हो सकता है। लंबे समय तक तनाव में रहने से भी शरीर का हॉर्मोनल बैलेंस बिगड़ जाता है। इसके अलावा एथलीट्स या जिम में ज्यादा वर्कआउट करने वाली महिलाओं में पीरियड्स देर से आ सकते हैं या रुक सकते हैं। इर्रेगुलर पीरियड्स के कुछ और भी कारण हो सकते हैं।