टाटा की गाड़ियां ₹1.55 लाख तक सस्ती होंगी: 22 सितंबर से लागू होंगी नई कीमतें
GST बदलाव से छोटी कार और 350cc तक की बाइक्स सस्ती होंगी
- 1,200 सीसी तक पेट्रोल या 1,500 सीसी तक डीजल गाड़ियों पर जीएसटी को 28% से घटाकर 18% कर दिया गया है। इससे मारुति स्विफ्ट, ऑल्टो और नेक्सॉन जैसी छोटी गाड़ियां सस्ती हो जाएंगी ।
- इसके अलावा 350cc तक की बाइक जैसे होंडा शाइन, एक्टिवा भी सस्ती हो जाएंगी। कॉमर्शियल व्हीकल्स जैसे बसें, ट्रक और एम्बुलेंस भी 28% से घटकर 18% GST के दायरे में आ गए हैं।
लग्जरी कारों की कीमत भी घटेगी
लग्जरी कारों पर GST को 28% से बढ़ाकर 40% कर दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी मर्सिडीज-बेंज, बीएमडब्ल्यू और ऑडी जैसी लग्जरी गाड़ियां थोड़ी सस्ती हो सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि नए टैक्स स्लैब में GST से पहले लगने वाले कॉम्पेनसेशन सेस को खत्म कर दिया गया है।
पहले लग्जरी कारों पर 17-22% तक का सेस लगता था
पहले लग्जरी कारों पर 28% GST के साथ 17-22% तक का सेस लगता था, जिससे कुल टैक्स 50% तक पहुंच जाता था। इससे लग्जरी कारें काफी महंगी हो जाती थीं।
उदाहरण के लिए, अगर मर्सिडीज की कीमत पहले 1 करोड़ रुपए थी, तो उस पर करीब 50 लाख रुपए टैक्स देना पड़ता था। अब यह 40 लाख रुपए तक सीमित हो सकता है।
अब सरकार ने 4,000 मिमी से लंबी या 1,500 सीसी से ज्यादा क्षमता वाली गाड़ियों पर GST 28% से बढ़ाकर 40% कर दिया है। यानी, टैक्स बढ़ा दिया है, लेकिन सेस हटा दिया है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि सेस हटाने के कारण पहले और अब में ज्यादा अंतर नहीं आएगा। कुल मिलाकर ये गाड़ियां थोड़ी सस्ती हो सकती हैं, लेकिन फर्क ज्यादा नहीं होगा।
राज्यों को नुकसान से बचाने लगाया था कॉम्पेन्सेशन सेस
कॉम्पेन्सेशन सेस एक तरह का अतिरिक्त टैक्स है, जो सरकार कुछ खास सामानों पर लगाती है ताकि राज्यों को मुआवजा दे सके। 2017 में जब GST (वस्तु एवं सेवा कर) लागू हुआ था, तब कई राज्यों को लगता था कि उनके टैक्स से होने वाली कमाई कम हो जाएगी।
इसे पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने कॉम्पेन्सेशन सेस शुरू किया, जो महंगी गाड़ियों, सिगरेट, शराब जैसे लग्जरी या हानिकारक सामानों पर लगाया जाता था। यह टैक्स GST के ऊपर अतिरिक्त होता है और इससे जमा हुआ पैसा राज्यों को उनके नुकसान की भरपाई के लिए दिया जाता था।