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जम्मू कश्मीर के डोडा में BNS की धारा 163 लागू:मेहराज मलिक के पिता बोले- मेरा बेटा निर्दोष

डीसी से अभद्र व्यवहार के आरोप में पीएसए के तहत गिरफ्तार हुए AAP विधायक मेहराज मलिक के पिता ने बुधवार को कहा - मेरे बेटे की गिरफ्तारी की वैधता का फैसला अब अदालत करेगी। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों से शांति बनाए रखने और लोकतांत्रिक तरीकों से अपना विरोध दर्ज कराने की अपील की है।

उन्होंने आगे कहा-भाजपा का काम केवल लोगों को दबाना है। जहां-जहां उनकी सत्ता है, वहां नागरिकों को चुप करा दिया जाता है और जम्मू-कश्मीर भी इससे अलग नहीं है। मेरे बेटे, विधायक मेहराज मलिक को बेगुनाह होने के बावजूद निशाना बनाकर जेल भेजा गया है।

BNS की धारा 163 लागू

डोडा में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने मंगलवार को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 लागू कर दी है। डोडा के विधायक मेहराज मलिक को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत हिरासत में लिए जाने के कारण पैदा हुए तनाव के माहौल में इसे लागू किया गया है।

अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) अनिल कुमार ठाकुर ने कहा- ये कदम जिले में सार्वजनिक सुरक्षा और शांति बनाए रखने के लिए एहतियातन उठाए गए हैं। प्रतिबंध अगले आदेश तक प्रभावी रहेंगे।

AAP नेता संजय सिंह बोले- सड़क से संसद तक आवाज उठाएंगे

आम आदमी पार्टी नेता संजय सिंह ने बुधवार को बात करते हुए कहा- पार्टी विधायक मेहराज मलिक की PSA के तहत गिरफ्तारी असंवैधानिक है।

उन्होंने कहा- वे क्षेत्र में पार्टी नेताओं से मिलेंगे और अगले कदमों की समीक्षा करेंगे। पार्टी इस मुद्दे को सड़क से संसद तक और संभवतः सुप्रीम कोर्ट में भी उठाएगी।

मेहराज मलिक की गिरफ्तारी के विरोध में कल हुई थी पत्थरबाजी

जम्मू-कश्मीर के डोडा से AAP विधायक मेहराज मलिक की गिरफ्तारी के विरोध में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने डोडा और जम्मू-कश्मीर के अन्य हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद जिले में पुलिस और सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।

मलिक की रिहाई के समर्थन में नारे लगाते हुए उनके सैकड़ों समर्थकों ने भाट्यास गांव से मार्च निकाला और ‘डोडा चलो’ आंदोलन शुरू किया है। जिला मुख्यालय आ रहे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के रोकने पर पत्थरबाजी की।

इसके बाद सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले दागे। इलाके में माहौल तनावपूर्ण होने पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। जिला प्रशासन ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 लागू कर दी है।

दरअसल, AAP की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष मलिक को 8 सितंबर को सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने के आरोप में पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट (PSA) के तहत हिरासत में लिया गया था और बाद में उन्हें कठुआ जिला जेल में बंद कर दिया गया था।

लोगों का दावा- जिले मे इंटरनेट सेवा धीमी की गई

गांदोह, भलेसा, चिल्ली पिंगल, कहारा और ठाठरी तहसीलों के साथ डोडा जिला मुख्यालय में बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। कुछ स्थानीय लोगों का दावा है कि मलिक के कहारा गांव के कई हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं धीमी कर दी हैं।

मेहराज 2024 में डोडा से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे। मेहराज पर डोडा के डिप्टी कमिश्नर के परिवार के खिलाफ असभ्य भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप है। मलिक के खिलाफ अब तक कई मामलों में 18 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं।

उन्हें जब गिरफ्तार किया गया, तब वे PSA के तहत एक स्थानीय शख्स की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे थे। डोडा के डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि इलाके में शांति बनाए रखने के लिए मलिक की गिरफ्तारी जरूरी थी।

CM अब्दुल्ला ने गिरफ्तारी को गलत ठहराया

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा-मेहराज की गिरफ्तारी बिल्कुल गलत है। वे किसी भी रूप से डोडा जिले की शांति के लिए खतरा नहीं थे। अगर चुनी हुई सरकार के प्रतिनिधि के खिलाफ ऐसा बर्ताव होगा, तो जम्मू-कश्मीर के लिए लोकतंत्र में विश्वास करना मुश्किल हो जाएगा।

मेहराज मलिक की गिरफ्तारी पर उनके पिता शमास दीन मलिक ने कहा-अब फैसला अदालत करेगी। डोडा के डिप्टी कमिश्नर साहिब के साथ झगड़ा हुआ था, लेकिन उन पर PSA के तहत गलत मामला दर्ज किया गया है।

उनकी गिरफ्तारी पर AAP पार्टी प्रवक्ता ने कहा- अगर मेहराज को नहीं छोड़ा गया तो पूरे कश्मीर में भाजपा के खिलाफ जंग शुरू हो जाएगी। आप नेता सुरिंदर सिंह शिंगारी ने कहा- किसी विधायक पर PSA लगाना सही नहीं है। इसे हटाया जाना चाहिए और उन्हें रिहा किया जाना चाहिए।

PSA के तहत के पहली बार विधायक गिरफ्तार

AAP विधायक मेहराज मलिक PSA के तहत गिरफ्तार होने वाले देश के पहले विधायक हैं। इस कानून के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमा चलाए 2 साल (सुरक्षा मामलों में) या 1 साल (कानून-व्यवस्था मामलों में) तक हिरासत में रखा जा सकता है। PSA सिर्फ जम्मू-कश्मीर में ही लागू है।

इसे 1978 में वहाँ की विधानसभा ने पास किया था। शुरुआत में इसका मकसद था जंगलों से पेड़ों की अवैध कटाई रोकना और स्मगलिंग कंट्रोल करना। धीरे-धीरे इसे राजनीतिक विरोध दबाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाने लगा।

मेहराज मलिक ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) से अपना समर्थन जुलाई में वापस ले लिया था। मेहराज ने कहा था कि यह फैसला जम्मू-कश्मीर के मेरे लोगों के हित में लिया गया है, जिनका विश्वास और कल्याण हमेशा मेरी प्राथमिकता रहेगी।