अपने मन से ओमेप्राजोल न खाएं, एसिडिटी की दवा ज्यादा खाने से हो सकता है गट इन्फेक्शन
बिना प्रिस्क्रिप्शन के ओमेप्राजोल 2 हफ्ते से ज्यादा न लें। अगर कोई परेशानी हो तो डॉक्टर से मिलें।
बता दें कि यह दवा हार्टबर्न, अल्सर और गैस्ट्रो-एसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज जैसी समस्याओं के लिए दी जाती है। कई लोग इसे मामूली दवा समझकर सालों लेते रहते हैं। लेकिन लंबे समय तक इसके इस्तेमाल से पेट का एसिड कम होने पर बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं, जो डायरिया, पेट दर्द और बुखार जैसी समस्याएं पैदा करते हैं। हालांकि सही जानकारी और कुछ सावधानियों के साथ इस खतरे से बचा जा सकता है।
ओमेप्राजोल क्या है और यह कैसे काम करता है?
ओमेप्राजोल इंडिया और ब्रिटेन सहित कई देशों में सबसे ज्यादा प्रिस्क्राइब की जाने वाली दवाओं में से एक है। यह PPI क्लास की दवा है, जो पेट में एसिड प्रोडक्शन को रोकती है। पेट की लाइनिंग में मौजूद प्रोटॉन पंप्स को ब्लॉक करके यह एसिड की मात्रा को कम कर देती है। इससे हार्टबर्न, अल्सर और रिफ्लक्स जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
यह दवा पेट के एसिड को न्यूट्रलाइज नहीं करती है, बल्कि उसके प्रोडक्शन को ही रोकती है। इसलिए यह अल्सर के घाव को भरने में मदद करती है और रिफ्लक्स से फूड पाइप को बचाती है। लेकिन यह लक्षणों को दबाती है, समस्या की जड़ को नहीं सुलझाती है। अगर डाइट या लाइफस्टाइल की वजह से एसिडिटी है तो दवा के साथ बदलाव जरूरी हैं। इसलिए इसे बिना प्रिस्क्रिप्शन के लेना नुकसानदायक हो सकता है।
भारत में ओमेप्राजोल दवा किन नामों से मिलती है?
भारत में यह दवा कई ब्रांड नामों से उपलब्ध है, जिनमें डॉ. रेड्डीज का ‘ओमेज’, जाइडस लाइफसाइंसेज का ‘ल्यूसिड’, एल्केम लैबोरेटरीज का ‘ओमी’ और सिप्ला का ‘लोमैक’ शामिल हैं। यह ओमेप्राजोल कैप्सूल आईपी जैसे जेनेरिक फॉर्म में भी उपलब्ध है।
ओमेप्राजोल के लंबे इस्तेमाल के क्या खतरे हैं?
NHS की मुख्य वॉर्निंग लंबे इस्तेमाल पर केंद्रित है। PPI दवाएं पेट के एसिड को कम करती हैं, जिससे गुड बैक्टीरिया कम हो जाते हैं और C. difficile जैसे खतरनाक बैक्टीरिया बढ़ सकते हैं। यह इन्फेक्शन आंतों को प्रभावित करता है, जिससे डायरिया, पेट दर्द, बुखार और डिहाइड्रेशन होता है। गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती होने तक की नौबत आ सकती है। अन्य खतरों में विटामिन B12 की कमी, हड्डियों का कमजोर होना (ऑस्टियोपोरोसिस) और किडनी प्रॉब्लम्स शामिल हैं।
किन लोगों को ओमेप्राजोल के साइड इफेक्ट्स का रिस्क ज्यादा है?
कुछ लोगों में इसके साइड इफेक्ट्स का खतरा ज्यादा रहता है। जैसेकि-
- कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को।
- लंबे समय से दवा ले रहे लोगों को।
- बुजुर्गों को।
- किडनी या लिवर डिजीज से पीड़ित लोगों को।
- अन्य दवाएं लेने वाले लोगों को।
क्या अन्य PPI दवाएं भी नुकसानदायक हैं?
ओमेप्राजोल के अलावा अन्य PPI दवाएं भी हैं, जो ऐसे ही काम करती हैं। इनके भी लंबे यूज पर वही वार्निंग लागू होती है। इनमें एसोमेप्राजोल, लैंसोप्राजोल, पैंटोप्राजोल, राबेप्राजोल शामिल हैं। डॉक्टर इनका चुनाव समस्या के आधार पर करते हैं। ये सभी दवाएं एसिड प्रोडक्शन रोकती हैं, लेकिन ब्रांड के अनुसार डोज अलग होती है। NHS कहता है कि कोई भी PPI दवा बिना सलाह के 2 हफ्ते से ज्यादा न लें।
NHS की वॉर्निंग के अनुसार किस स्थिति में डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है?
NHS ने अपनी वेबसाइट पर साफ लिखा है कि अगर आपने बिना प्रिस्क्रिप्शन के ओमेप्राजोल खरीदी है तो इसे 2 हफ्ते से ज्यादा लगातार न लें। अगर लक्षण बने रहें या बढ़ें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।