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औरंगाबाद में रोड नहीं तो वोट नहीं का ऐलान

अब तक निराशा ही हाथ लगी

ग्रामीणों का कहना है कि सिमरा से चोरहा गांव तक पक्की सड़क बनी है। चोरहा गांव से उनके गांव की दूरी महज दो से ढाई किलोमीटर है। स्थानीय मुखिया के द्वारा गांव से कुछ दूरी तक सड़क बना दिया गया है। इसके आगे भरौंधा पंचायत शुरू हो जाता है। अगर चोरहा से डेढ़ किलोमीटर पक्की सड़क बना दिया जाए तो उनका गांव सिमरा से भी पक्की सड़क से जुड़ जाएगा। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला मुख्यालय आने-जाने में सुविधा होगी।

ऐसी बात नहीं है कि ग्रामीणों ने इसके लिए प्रयास नहीं किया। उक्त सड़क का पक्कीकरण कराए जाने को लेकर कई बार अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों का दरवाजा खटखटाया लेकिन उन्हें अब तक निराशा ही हाथ लगी। थक हारकर ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का निर्णय लिया है।

गांव के लोगों का स्पष्ट तौर पर कहना है कि दो-दो बार गठबंधन के नाम पर कुटुंबा विधायक राजेश कुमार को वोट देकर विजयी बनाया। लेकिन जीतने के बाद आज तक उनका चेहरा नहीं देखा। विधायक 10 साल में एक बार भी उनके गांव में नहीं आए। इस बार सबक सिखाएंगे।

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