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दुनिया के 23% लोगों को बूनियन डिजीज, पुरुषों से ज्यादा रिस्क महिलाओं को

बूनियन क्या है?

बूनियन पैर के बड़े अंगूठे के जोड़ पर होने वाला एक उभार है। यह हड्डी की गांठ जैसा बन जाता है, जो पैर के अंदर की तरफ बढ़ता है। मेडिसिन की भाषा में इसे हेलक्स वैल्गस भी कहते हैं।

बूनियन कितने तरह का होता है

अंगूठे पर बूनियन सबसे कॉमन है। इसमें अंगूठे के आधार पर उभार हो जाता है। हालांकि, बूनियन सिर्फ अंगूठे में नहीं, छोटी उंगली में भी हो सकता है। यह जन्म से, टीनएज में या उम्र बढ़ने पर धीरे-धीरे विकसित होता है।

  • बूनियनेट: छोटी उंगली के आधार पर, टाइट जूतों से।
  • कॉन्जेनाइटल बूनियन: जन्म से ही बच्चों में।
  • जुवेनाइल बूनियन: 18 साल से कम उम्र में।

बूनियन को कैसे पहचानेंगे?

बूनियन की शुरुआत धीमी होती है। पहले तो बस हल्का उभार नजर आता है, लेकिन धीरे-धीरे दर्द बढ़ता जाता है। अगर आपका बड़ा अंगूठा दूसरी उंगलियों की तरफ मुड़ रहा है, या जूते पहनने पर रगड़ लगती है, तो सावधान हो जाएं। कई लोग सोचते हैं कि यह बस थकान है, लेकिन असल में यह बूनियन का संकेत हो सकता है।

लक्षणों को इग्नोर न करें, क्योंकि समय के साथ यह बदतर हो जाता है। चलने में लंगड़ाहट आ सकती है, या पैर सुन्न पड़ सकते हैं। महिलाएं ज्यादा प्रभावित होती हैं, क्योंकि फैशन के चक्कर में वे असुविधाजनक जूते चुनती हैं। एक दोस्त ने बताया कि उसकी मां को हाई हील्स की वजह से इतना दर्द हुआ कि वे घर पर भी चप्पल नहीं पहन पाती थीं।

बूनियन क्यों होता है?

बूनियन कोई एक वजह से नहीं होता। कई फैक्टर मिलकर इसे ट्रिगर करते हैं। सबसे बड़ी वजह है गलत जूते। हाई हील्स या नुकीले टिप वाले शूज पैरों पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं, जिससे अंगूठा अपनी जगह से हट जाता है। जेनेटिक्स भी रोल प्ले करता है- अगर परिवार में किसी को है, तो आपको भी हो सकता है।

इसके अलावा, पैर की बनावट, जैसे फ्लैट फुट या हाई आर्च, खतरा बढ़ाते हैं। गठिया जैसी बीमारियां, चोट लगना या ज्यादा देर खड़े रहना भी कारण बन सकता है। महिलाओं में हॉर्मोनल बदलाव, जैसे प्रेग्नेंसी, इसे और खराब कर देते हैं। एक स्टडी कहती है कि 70% से ज्यादा मामलों में फैमिली हिस्ट्री जुड़ी होती है। सो, अगर आपका वजन ज्यादा है या काम ऐसा है कि पैरों पर जोर पड़ता है, तो सतर्क रहें।

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