कैसे जिंदगी देने वाला आईसीयू 'मौत' के कमरे में बदला
सबसे पहले जानिए आग भड़कने के तीन कारण...
- स्टोर रूम में लगे स्मॉक डिटेक्टर ने सही से काम नहीं किया। इसके कारण अलार्म सिस्टम समय पर एक्टिवेट नहीं हुआ।
- वार्ड को स्टोर रूम बना दिया था, कबाड़ के कारण भड़कती गई आग।
- फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं होने के कारण आग बढ़ती चली गई। स्टाफ को मेनुअल फायर फाइटिंग सिस्टम की जानकारी नहीं थी।
3. पुरानी तकनीक का फायर फाइटिंग सिस्टम इस आईसीयू में पुरानी तकनीक का फायर फाइटिंग सिस्टम लगा था। ऑटोमैटिक वाटर सप्लाई के लिए फायर स्प्रिंकलर सिस्टम के बजाए मेनुअल सिस्टम लगे होने के कारण यहां आग लगने के तुरंत बाद पानी की सप्लाई नहीं हुई। इसके अलावा यहां तैनात स्टाफ और सुरक्षा गार्ड को भी ये नहीं पता था कि इस मेनुअल सिस्टम को वाटर सप्लाई के लिए कहां से कनेक्टिविटी दी जा सके।
11 मरीज, 5 काे सुरक्षित निकाला इस मामले में एसएमएस हॉस्पिटल के प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी ने बताया- न्यूरोसर्जरी आईसीयू के जिस वार्ड में आग लगी थी, उसमें 11 बेड की क्षमता है। यहां सभी बेड पर गंभीर मरीज भर्ती थे।