इक्वाडोर के राष्ट्रपति पर जानलेवा हमला:500 लोगों ने काफिले को घेरा, पत्थर फेंके, गोलियां चलाई; 5 गिरफ्तार
फ्यूल सब्सिडी खत्म करने पर प्रदर्शन
इक्वाडोर में प्रदर्शन ईंधन (डीजल) सब्सिडी खत्म करने के फैसले के खिलाफ हो रहे हैं। राष्ट्रपति डेनियल नोबोआ ने सितंबर में डीजल सब्सिडी हटाने का आदेश जारी किया था।
सरकार का कहना है कि इससे हर साल करीब 1.1 अरब डॉलर (लगभग ₹9,000 करोड़) की बचत होगी, जिसे छोटे किसानों और ट्रांसपोर्ट कर्मियों को मुआवजा देने में इस्तेमाल किया जाएगा।
लेकिन, आदिवासी संगठनों और छोटे किसानों का कहना है:
- डीजल महंगा होने से खेती की लागत और ट्रांसपोर्ट किराया बढ़ जाएगा।
- गरीब और ग्रामीण समुदायों पर सबसे ज्यादा बोझ पड़ेगा।
- जबकि अमीर और बड़े उद्योग इसका असर आसानी से झेल लेंगे।
सरकार ने हिंसा रोकने के लिए आपातकाल लगाया
सब्सिडी खत्म करने के विरोध में शुरू हुए हिंसक प्रदर्शन को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने कई क्षेत्रों में आपातकाल लगा रखा है।
इक्वाडोर की राष्ट्रीय आदिवासी महासंघ (CONAIE) ने पुलिस कार्रवाई को क्रूर बताया और कहा कि पांच प्रदर्शनकारियों को मनमाने तरीके से गिरफ्तार किया गया है।
CONAIE पिछले दो हफ्तों से डीजल सब्सिडी हटाने के खिलाफ देशव्यापी हड़ताल चला रहा है। उनका कहना है कि यह कदम छोटे किसानों और आदिवासी समुदायों पर सबसे ज्यादा असर डालेगा। राष्ट्रपति के ऐलान के बाद ईंधन की कीमत में बढ़ोतरी हुई है।
राष्ट्रपति बोले- कानून सबके लिए बराबर
हमले के कुछ घंटे बाद नोबोआ ने कुएंका शहर में छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने कहा,'जो लोग हमें रोकना चाहते थे, उन्होंने हमला किया, लेकिन हमें डरना नहीं चाहिए। नए इक्वाडोर में ऐसे हमले बर्दाश्त नहीं होंगे, कानून सब पर लागू होगा।'
रक्षा मंत्री गियान कार्लो लोफ्रेडो ने नोबोआ की एक तस्वीर साझा की, जिसमें वे टूटी-फूटी कार के पास खड़े नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा, 'कुछ भी हमारे राष्ट्रपति को नहीं रोक सकता और ये संकेत है कि देश भी कभी नहीं रुकेगा।'