क्या इस बार भी गुरुआ सीट पर होगी करीबी टक्कर या फिर होगा एकतरफा मुकाबला, कैसा है चुनावी गणित
गुरुआ के खास मुद्दे
गुरुआ में पारंपरिक मुद्दे खेत और सिंचाई, ग्रामीण विकास, सड़क-सुविधा, बिजली और शिक्षा रहे हैं. साथ ही गया जिले के पहाड़ी और जंगलों से ढंके इलाकों और आसपास के कुछ हिस्सों में सुरक्षा व कानून-व्यवस्था, नक्सलियों की बढ़ती सक्रियता और उससे जुड़ी सुरक्षा छानबीन समय-समय पर सुर्खियों में रहती है. इन गतिविधियों का यहां के स्थानीय माहौल और विकास पर खासा असर पड़ता है. ग्रामीण बुनियादी ढांचे और रोजगार भी चुनावी बहस के प्रमुख विषय हैं.
साल 2020 का वोट गणित
पिछले विधानसभा चुनाव में आरजेडी के विनय कुमार ने जीत दर्ज की. उन्हें लगभग 70,761 वोट मिले थे. वहीं बीजेपी के राजीव नंदन दूसरे नंबर पर रहे और उन्हें करीब 64,162 वोट मिले. इस तरह से जीत का अंतर करीब 6,599 वोट रहा. इससे पता लगता है कि इस सीट पर मुकाबला काफी करीबी था. दोनों प्रमुख दलों के बीच वोटों के बंटवारे ने निर्णायक भूमिका अदा की थी. कुल स्पंजी वोट या नोटा वोट और छोटे दलों का प्रभाव भी मौके-मौके पर निर्णायक साबित हो सकता है.
क्या है चुनावी माहौल
सीट की लड़ाई अक्सर स्थानीय मुद्दों और जातीय समीकरण पर टिकी रहती है. साल 2020 की निकट जीत दिखाती है कि कोई भी बड़ा झटका या गठबंधन बदलने पर परिणाम पलट सकता है. सुरक्षा से जुड़े इनपुट और विकास संबंधी वादों का स्थानीय मतदाता पर असर रहता है. साल 2025 जैसे निर्वाचन-वर्षों के आसपास, उम्मीदवारों की जमीन-कसरत, जाति-समर्थन और छोटे दलों/प्रत्यक्ष उम्मीदवारों की स्थिति निर्णायक बन सकती है.
