सोना एक दिन में ₹1,836 और चांदी ₹4,417 सस्ती:7 दिन में सोने की कीमत ₹9,356 घटी, चांदी में ₹31 हजार की गि
बड़े ज्वेलर्स पर 22K सोने की कीमत
- तनिष्क: ₹1,15,400/10gm
- कल्याण: ₹1,14,000/10gm
- मालाबार: ₹1,14,000/10gm
- कार्टलेन: ₹1,16,590/10gm
- भीमा ज्वेलर्स: ₹1,13,180/10gm
सोना-चांदी के दाम में गिरावट के कारण
- भारत में सीजनल बाइंग का खत्म होना: दीवाली जैसे फेस्टिवल के बाद इंडिया में सोने-चांदी की खरीदारी का सिलसिला थम गया। इससे सोना-चांदी की डिमांड में कमी आई है।
- ग्लोबल टेंशन में कमी: सोना-चांदी को 'सेफ-हेवन' माना जाता है, यानी मुश्किल वक्त में लोग इन्हें खरीदते हैं। ग्लोबल टेंशन के कम होने से इसमें गिरावट आई है।
- प्रॉफिट-टेकिंग और ओवरबॉट सिग्नल: रैली के बाद निवेशक प्रॉफिट बुक कर रहे हैं। टेक्निकल इंडिकेटर्स जैसे रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) दिखा रहे थे कि कीमतें ओवरबॉट जोन में पहुंच चुकी थीं। इसलिए ट्रेंड फॉलोअर्स और डीलर्स ने बिकवाली शुरू कर दी है।
इस साल सोना ₹45,356 और चांदी ₹61,016 महंगी हुई
- इस साल अब तक सोने की कीमत 45,356 रुपए बढ़ी है। 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपए का था, जो अब ₹1,21,518 रुपए हो गया है।
- चांदी का भाव भी इस दौरान 61,016 रुपए बढ़ गया है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी की कीमत 86,017 रुपए थी, जो अब ₹1,47,033 रुपए प्रति किलो हो गई है।
सोना खरीदते समय इन 2 बातों का रखें ध्यान
1. सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें: हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। ये नंबर अल्फान्यूमेरिक यानी कुछ इस तरह से हो सकता है- AZ4524। हॉलमार्किंग से पता चलता है कि सोना कितने कैरेट का है।
2. कीमत क्रॉस चेक करें: सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत कई सोर्सेज (जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है।
शहरों में सोने के अलग दाम होने की 4 वजह
1. ट्रांसपोर्टेशन के खर्चे: सोना एक फिजिकल चीज है, तो इसे ले जाने में खर्चा लगता है। ज्यादातर आयात हवाई जहाज से होता है। फिर सोने को अंदरूनी इलाकों तक पहुंचाना पड़ता है। ट्रांसपोर्टेशन के खर्चे में फ्यूल, सिक्योरिटी, गाड़ी, स्टाफ का पैसा वगैरह शामिल होता है।
2. सोने की खरीदारी की मात्रा: सोने की डिमांड शहर और राज्य के हिसाब से अलग-अलग होती है। साउथ इंडिया में भारत की कुल सोने की खपत का करीब 40% हिस्सा है। यहां सेलर्स बल्क में सोना खरीदते हैं जिससे दाम कम होते हैं। वहीं टियर-2 शहरों में दाम ज्यादा।
3. लोकल ज्वेलरी एसोसिएशन: जैसे तमिलनाडु में सोने का रेट ज्वेलर्स एंड डायमंड ट्रेडर्स एसोसिएशनतय करता है। इसी तरह देशभर में कई और एसोसिएशन हैं जो दाम तय करते हैं।
4. सोने का खरीद मूल्य: ये सबसे बड़ा फैक्टर है जो अलग-अलग शहरों में सोने के रेट्स को प्रभावित करता है। जो ज्वेलर्स ने स्टॉक सस्ते में खरीदा हो, वो कम रेट चार्ज कर सकते हैं।
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क्या चांदी में आ सकता है 1980 जैसा क्रैश:तब हंट ब्रदर्स के कारण आई थी गिरावट; एक हफ्ते में करीब ₹25 हजार घटे दाम
1980 की बात है। चांदी की कीमत 2 डॉलर प्रति औंस (28.35 ग्राम) से बढ़कर 48 डॉलर तक पहुंच गई। पर यह हुआ कैसे? इसके पीछे थे अमेरिका के हंट ब्रदर्स।
दुनिया की चांदी का एक तिहाई हिस्सा इन दो भाइयों की जेब में था। नेल्सन बंकर हंट और विलियम हर्बर हंट ने चांदी को 700% से ज्यादा बढ़ा दिया। हंट ब्रदर्स की इस कहानी में शामिल है लालच, साजिश और एक ऐसा क्रैश जिसे सिल्वर थर्सडे कहा जाता है।
हंट ब्रदर्स की ये कहानी आज हम इसलिए बता रहे हैं क्योंकि 10 महीने में चांदी के दाम दोगुने हो गए, लेकिन बीते एक ही हफ्ते में ₹1.78 लाख रुपए प्रति किलो के हाई से ये ₹1.52 लाख पर आ चुकी है। यानी, इसके दामों में करीब 25 हजार रुपए की गिरावट आई है।
तो क्या अब चांदी में वैसा ही फॉल आ सकता है, जैसा 1980 के दशक में आया था? चांदी के भाव में आई तेजी की वजहें क्या है?
