कार्तिक पूर्णिमा पर 365 बाती का दीया कैसे जलाएं और इसे जलाने का सही समय क्या है
365 बाती का दीपक जलाने का समय 2025 (365 Batti Ka Diya Kab Jalaye On Kartik Purnima 2025)
कार्तिक पूर्णिमा पर 365 बाती का दीया जलाने का शुभ मुहूर्त शाम 5.30 से 7.30 तक रहेगा। दीपक जलाने से पहले भगवान की विधि विधान पूजा करें। फिर इस दीपक को पूर्व दिशा की तरफ जलाएं।
365 बाती का दीया कैसे बनाएं (365 Batti Ka Diya Kaise Banaye)
365 बाती का दीया बनाने के लिए एक बड़ा मिट्टी का दीपक लें। उसमें सरसों का तेल या घी भरें। अब कपास (रुई) की 365 बत्तियां बनाएं जो छोटी और समान आकार की होनी चाहिए। आप चाहें तो सूत या कलावे की बातियां भी बना सकते हैं। अगर आप 5 धागे वाले कलावे या सूत को लेते हैं तो उसे अपने हाथ पर 73 बार लपेटें और बचे हुए धागे को काट दें। इस तरह से आपकी 365 बाती तैयार हो जाएंगी। फिर सभी बातियों को दीपक में डालकर जला दें। कई लोग गोले में 365 बातियां जलाते हैं।
कार्तिक पूर्णिमा पर 365 बाती का दीया कैसे जलाएं? (Kartik Purnima Par 365 Batti Ka Diya Kaise Jalaye)
इस दीपक को ज्यादातर लोग सूखे नारियल में जलाते हैं। इसके लिए एक नारियल यानी गोला लेना है और उसके दो हिस्से कर लेने हैं। नारियल के एक हिस्से में घी या तेल भरें और उसमें 365 बाती डालें। ये दीपक आप तुलसी के पौधे पर, घर के मंदिर में या पीपल के पेड़ के पास कहीं भी जला सकते हैं। दीपक के नीचे चावल के कुछ दाने जरूर डालें। साथ ही दीये पर हल्दी-रोली का तिलक जरूर लगाएं और उसमें खील भी डालें। इसके बाद दीपक के ऊपर से तीन बार जल घुमाया जाता है। इस विधि से 365 बाती का दीपक जलाकर आप भगवान की असीम कृपा प्राप्त कर सकते हैं। मान्यता है कि 365 बाती का दीया पूरे वर्ष सुख, समृद्धि और शुभ फल प्रदान करता है।
365 बाती का दीपक कहां जलाएं (365 Batti Ka Diya Kha Jalaye)
इस दीपक को अमूमन लोग तुलसी के पौधे के समक्ष जलाते हैं। पहले तुलसी की पूजा की जाती है। फिर ये दीपक जलाकर तुलसी के पौधे की 108 बार परिक्रमा की जाती है। तुलसी के अलावा पीपल, केले या आंवले के पेड़ के नीचे भी इस दीपक को जला सकते हैं।
