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'पाकिस्तान की फौज ने अपने ही लोगों को मार डाला', बलूचिस्तान से लेकर खैबर पख्तूनख्वा तक भड़का गुस्सा

सेना ने समझौते का उल्लंघन किया'

खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर में स्थित खार तहसील के कोसर इलाके में बुधवार रात को सेना ने भारी हथियारों से गोलाबारी की। इसमें कई घर और मस्जिदें क्षतिग्रस्त हो गईं, जिससे महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग दहशत में आ गए। गुस्साए लोगों ने गुरुवार को बाजौर-पेशावर हाईवे ब्लॉक कर दिया। लोरा बांदा, शागी, कोसर, जनत शाह, गालो कस और गूरो समेत दर्जनों गांवों के हजारों लोग सड़क पर बैठ गए। घंटों तक ट्रैफिक ठप रहा। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि 14 अगस्त को हुए शांति समझौते में साफ लिखा था कि मामूंद तहसील में ऑपरेशन के दौरान आम नागरिकों को निशाना नहीं बनाया जाएगा, लेकिन सेना ने समझौते का उल्लंघन किया।

'लोगों का सेना पर भरोसा खत्म हो जाएगा'

बाजौर अमन जरगा के अध्यक्ष साहिबजादा हारून रशीद ने कहा, 'यह समझौते की खुली अवहेलना है। अगर यही चलता रहा तो लोगों का सेना पर भरोसा खत्म हो जाएगा।' पीटीआई नेता खलीलुर रहमान, एएनपी नेता शाह नसीर खान और सैयद सादिक अकबर ने भी कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, 'यह हमारे घरों और मस्जिदों पर हमला है। इससे इलाके में बेचैनी बढ़ रही है। कारोबार ठप है, बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे।' डिप्टी कमिश्नर ने जरगा को भरोसा दिलाया कि आगे ऐसा नहीं होगा, तब जाकर हाईवे खोला गया। लेकिन लोगों में अभी भी डर बना हुआ है। उनका कहना है कि आतंकवाद के नाम पर अंधाधुंध गोलीबारी से न तो आतंकवाद खत्म हो रहा है और न ही आम जनता को राहत मिल रही।

केच में 4 और लोगों की हत्या से तनाव बढ़ा

दूसरी ओर बलूचिस्तान के केच जिले में 28 अक्टूबर से 2 नवंबर के बीच 4 और लोगों की हत्या ने तनाव बढ़ा दिया है। बलोच यकजहती कमेटी (बीवाईसी) ने इसे ‘राज्य प्रायोजित हत्या और लाश फेंकने’ की नीति करार दिया है। मारे गए लोग हैं: