वोटों की गिनती में ''राउंड'' का क्या मतलब होता है? काउंटिंग में पारदर्शिता के लिए ये कितने जरूरीकड़ा
वोटों की गिनती में ''राउंड'' क्या होता है?
बता दें कि काउंटिंग सेंटर्स पर होने वाली वोटों की गिनती में “राउंड” शब्द बहुत खास है। इसका सीधा संबंध EVM यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से होता है। मतगणना केंद्र पर जब EVM के वोटों की गिनती की जाती है तब एक राउंड का मतलब होता है कि 14 पोलिंग बूथों की मशीनों के मतों की काउंटिंग पूरी हो चुकी है। यानी प्रत्येक राउंड में 14 मतदान केंद्र पर लगी EVM के वोट गिने जाते हैं। हर राउंड के बाद परिणाम घोषित किया जाता है, जिससे पता चलता है कि कौन सा उम्मीदवार आगे चल रहा है।
काउंटिंग सेंटर्स पर वोटों की गिनती कैसे होती है?
- मतगणना केंद्र पर सबसे पहले पोस्टल बैलेट्स को गिना जाता है।
- इसके करीब 30 मिनट बाद EVM के वोटों की गिनती की शुरुआत होती है।
- हर राउंड के बाद, मतदान के दौरान 14 पोलिंग बूथों पर लगाई गई 14 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के नतीजे घोषित होते हैं।
- अगर किसी राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ हुए हैं तो मतगणना केंद्र में 7 टेबल लोकसभा के लिए और 7 टेबल विधानसभा के लिए लगाई जाती हैं।
ये भी जान लीजिए कि किसी विधानसभा में टोटल राउंड की संख्या बूथों की संख्या पर निर्भर होती है। उदाहरण के लिए अगर किसी विधानसभा में 200 बूथ हैं, तो करीब 15 राउंड में गिनती पूरी होगी।
राउंड में 14 की संख्या ही क्यों?
गौरतलब है कि राउंड यह संख्या भारत निर्वाचन आयोग (ECI) की तरफ से ही तय की गई है ताकि एक साथ कई टेबलों पर तेजी और पारदर्शिता से गितनी हो सके। इस उदाहरण से समझिए- अगर किसी प्रत्याशी के बारे में ये कहा जाए, ''पहले राउंड में वे आगे हैं'', तो इसका अर्थ ये होता है कि पहले 14 बूथों की मशीनों के वोटों की गिनती में उस उम्मीदवार ने सबसे ज्यादा वोट हासिल किए हैं।
जान लें कि हर राउंड की गिनती पूरी ट्रांसपेरेंसी बरती जाती है। वोटों की गिनती के दौरान मतगणना केंद्र में अलग-अलग उम्मीदवारों के एजेंट मौजूद रहते हैं। और सभी राउंड की गिनती पूरी होने के बाद ही अंतिम परिणाम की आधिकारिक घोषणा की जाती है।
इस खबर को पढ़ने के बाद अब जब अगली बार आपको कोई बताएगा कि “सातवें राउंड में मुकाबला टक्कर का है”, तो आप समझ पाएंगे कि काउंटिंग के पीछे कितनी सटीक प्रक्रिया काम करती है।
