शेख हसीना के खिलाफ आज आएगा कोर्ट का फैसला, ढाका में प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश
क्या है पूरा मामला?
बांग्लादेश का अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण सोमवार को 78 वर्षीय शेख हसीना के खिलाफ फैसला देने जा रहा है। शेख हसीना उनके गृह मंत्री असद-उज-जमां खान कमाल और तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) चौधरी अब्दुल्ला अल-मामून पर बीते साल सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान मानवता के विरुद्ध अपराध करने का आरोप लगा है। इनमे हत्या, हत्या की कोशिश, प्रताड़ित करना और अन्य अमानवीय कृत्य भी शामिल हैं। इस मामले में पूरी सुनवाई शेख हसीना की गैरहाजिरी में हुई है। मामले में अभियोजन पक्ष ने शेख हसीना के लिए मौत की सजा की मांग की है। बता दें कि शेख हसीना इस वक्त भारत में निर्वासन में हैं।
हसीना के पास क्या है विकल्प?
जानकारी के मुताबिक, शेख हसीना शीर्ष अपीलीय प्रभाग में इस फैसले के खिलाफ तब तक चुनौती नहीं दे सकतीं जब तक कि वह सरेंडर न कर दें या फैसले के बाद 30 दिन के भीतर गिरफ्तार नहीं हो जाती। अभियोजन पक्ष के वकील ने जानकारी दी है कि उन्होंने शेख हसीना के लिए अधिकतम सजा की मांग की है। इसके साथ ही उनकी संपत्ति को जब्त करने और उसे बीते साल प्रदर्शन के दौरान मारे गए लोगों और घायलों के परिवारों में बांटने का अनुरोध किया है।
शेख हसीना ने भी जारी किया बयान
आने वाले कोर्ट के फैसले को लेकर शेख हसीना का बयान भी सामने आ गया है। उन्होंने इन सभी आरोपों को पूरी तरह से झूठा बताया है। शेख हसीना ने एक ऑडियो संदेश में कहा- "हमने इस तरह के हमलों और मामलों को बहुत देखा है। मुझे परवाह नहीं है, अल्लाह ने मुझे जीवन दिया है और एक दिन मेरी मौत आएगी, लेकिन मैं देश के लोगों के लिए काम कर रही हूं और ऐसा करना जारी रखूंगी। हमारे संविधान के अनुच्छेद 7 (बी) में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अगर कोई निर्वाचित प्रतिनिधियों को बलपूर्वक सत्ता से हटाता है, तो उसे दंडित किया जाएगा। यूनुस ने यही (मुझे बलपूर्वक सत्ता से हटाया) किया। अगर कोई अदालत में झूठी शिकायत करता है, तो उस पर कानून के तहत मुकदमा चलता है और एक दिन ऐसा होगा ही।" उन्होंने पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं से सजा के बारे में चिंता न करने को कहा है।
