अजय देवगन की फिल्म में मीजान जाफरी रहे हुकुम इक्का, आर माधवन ने भी जमाई धाक, जानें उम्मीदों पर कितनी खरी उतरी ‘दे दे प्यार दे 2’
कहानी
'दे दे प्यार दे 2' वहीं से शुरू होती है जहां पहली फिल्म खत्म हुई थी। शुरुआत में ही दर्शकों को पिछली फिल्म का छोटा सा रीकैप दिखा दिया जाता है। पिछली फिल्म में अजय के किरदार आशीष ने अपनी पत्नी मंजू (तब्बू) को यह समझाने में बहुत मेहनत की थी कि वह उनसे उम्र में काफी छोटी रकुल के किरदार आयशा को डेट कर रहे हैं। अब इस फिल्म में कहानी आयशा के परिवार से जुड़ी मुश्किलों पर केंद्रित है। आर माधवन और गौतमी कपूर, आयशा के माता-पिता बने हैं, जो आशीष को पसंद नहीं करते। आखिर आयशा अपने परिवार को शादी के लिए कैसे मनाती है, यही फिल्म का मुख्य प्लॉट है।
हमेशा की तरह अपनी कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को खूब हंसाते हैं।लेखन और निर्देशन
फिल्म का निर्देशन अंशुल शर्मा ने किया है और लव रंजन इसके लेखक-निर्माता हैं। फिल्म देखने के साथ ही लव रंजन की स्टाइल साफ झलकती है, हल्के-फुल्के संवाद, पारिवारिक भावनाएं और बीच-बीच में मजेदार पल। हालांकि कुछ हिस्से थोड़े धीमे भी लगते हैं, लेकिन कॉमेडी और फैमिली एंटरटेनमेंट के हिसाब से फिल्म ठीक बैठती है। दूसरा हिस्सा खिंचा हुआ है और बोझिल करता है। फिल्म की कहानी क्रिस्प करते तो इसकी डूबती नौका संभल सकती थी।
अभिनय
पिछली फिल्म में अजय देवगन और तब्बू की जोड़ी गजब लगी थी। इस बार अजय के साथ आर माधवन जुड़े हैं और कहना पड़ेगा कि माधवन अपनी मौजूदगी से कई दृश्यों में चमकते हैं। वह लगभग हर सीन में नजर आते हैं और कई बार अजय से भी ज्यादा प्रभाव छोड़ते हैं। गौतमी कपूर ने शानदार काम किया है। अक्सर उन्हें छोटे किरदारों में देखा गया है, लेकिन यहाँ उन्हें दमदार भूमिका मिली और उन्होंने अपनी क्षमता साबित की।
अजय देवगन का इस बार स्क्रीन टाइम थोड़ा कम है। उन्होंने अच्छा काम किया है, पर उनका किरदार पहले जितना मजबूत नहीं लिखा गया। रकुल प्रीत सिंह खूबसूरत दिखती हैं, लेकिन उनके अभिनय में कुछ कमी जरूर नजर आती है, खासकर इमोशनल दृश्यों में। इशिता दत्ता का छोटा किरदार भी ध्यान खींचता है। जावेद जाफरी हमेशा की तरह अपनी कॉमिक टाइमिंग से दर्शकों को खूब हंसाते हैं।
मीजान जाफरी, फिल्म का सरप्राइज एलिमेंट
मीजान फिल्म की सबसे बड़ी हाइलाइट हैं। इंटरवल के बाद उनकी एंट्री होती है और वे स्क्रीन पर आते ही जान डाल देते हैं। उनका अभिनय, डांस और स्क्रीन प्रेजेंस देखने लायक है। दर्शक यही सोचते रह जाते हैं कि वह फिल्मों में ज्यादा क्यों नहीं दिखते।
फिल्म की खास बातें
–फर्स्ट हाल्फ में ही फिल्म दर्शकों को बांध लेती है।
– सेकंड हाफ में मीजान फिल्म को नई ऊर्जा देते हैं।
– असली मजा आता है फिल्म में डाले गए मजाकिया संदर्भों से, जैसे माधवन का अपनी ही फिल्म 'शैतान' का मजेदार जिक्र करना, डीडीएलजे का रेफरेंस और 'सिंघम' वाला पल।
– जावेद जाफरी और मीजान की असल जिंदगी की बाप-बेटे वाली केमिस्ट्री भी कई जगह झलकती है।
अगर आप हल्की-फुल्की कॉमेडी, पारिवारिक नोकझोंक और मजेदार टाइमिंग वाली फिल्में पसंद करते हैं तो 'दे दे प्यार दे 2' आपका समय खराब नहीं करेगी। हम इसे 2.5 स्टार दे रहे हैं।
