दिमाग खाने वाले अमीबा से रहें सावधान! सबरीमाला जाने वाले श्रद्धालुओं को कर्नाटक सरकार ने दी सलाह, जान लें इसके लक्षण
दिमाग खाने वाले अमीबा से रहें सावधान
एडवाइजरी में कहा गया है कि ये एक ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में या दूषित पानी पीने से नहीं फैलता। ये नेगलेरिया फाउलेरी के कारण होता है, जिसे "दिमाग खाने वाला अमीबा" भी कहा जाता है। जो ज्यादातर गर्म मीठे पानी के स्रोतों और कीचड़ में पाया जाता है। सलाह में लोगों को स्थिर पानी में नहाते समय पानी को अंदर जाने से रोकने के लिए नाक पर क्लिप लगाने या नाक को कसकर पकड़ने की सलाह दी गई है। इसमें कहा गया है कि नेग्लेरिया फाउलेरी अत्यधिक विषैला होता है, जो नाक के जरिए शरीर के अंदर घुसता है और मस्तिष्क तक पहुंचकर इस गंभीर और घातक बीमारी का कारण बनता है।
दिमाग खाने वाले अमीबा के लक्षण
लोगों को सलाह दी गई है कि अगर पानी के संपर्क में आने के सात दिनों के भीतर उन्हें बुखार, सिरदर्द, मतली, गर्दन में अकड़न या व्यवहार संबंधी विकार जैसे लक्षण दिखाई दें। तो इसके लिए बिना देरी किए नजदीकी अस्पताल जाएं और तुरंत इलाज कराएं। डॉक्टर्स की मानें तो दिमाग खाने वाला अमीबा बहुत तेज़ी से बढ़ता है, जिससे शुरुआती लक्षणों की पहचान कर पाना कई बार मुश्किल हो जाता है। लेकिन ये कुछ सामान्य चेतावनी संकेत दिखने पर अलर्ट होने की जरूरत है।
- भयंकर सरदर्द
- बुखार और मतली
- गर्दन में अकड़न
- भ्रम या भटकाव
- सीजर्स यानि दौरे पड़ना
