चंबा के थली नाला में बाढ़, सड़क बही:'मानसून-ट्रफ' शिफ्ट होने से टला खतरा, अगले 5 दिन खिलेगी धूप, भारी बारिश की भविष्यवाणी गलत निकली |
हिमाचल प्रदेश के चंबा के चुराह में रात में तेज बारिश हुई। इससे थली नाला में सड़क बह गई। पंचायत प्रधान जय सिंह ने बताया कि नाले में पानी के तेज बहाव सड़क बही है। स्थानीय लोग अब पंगोला पुल से आवाजाही कर सकेंगे।
उन्होंने कहा, क्षेत्र में कही भी बादल नहीं फटा। थली नाला में अक्सर बारिश में ऐसे ही पानी बहता है। पहले भी इससे कई बार सड़क क्षतिग्रस्त हुई है।
वहीं, प्रदेश में बीते 48 घंटे के दौरान रेड और ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी के बावजूद बारिश नहीं हुई। अगले 5 दिन भी ज्यादातर भागों में बारिश का पूर्वानुमान नहीं है। प्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी नुकसान के बाद मानसून कमजोर पड़ता नजर आ रहा है।
लोगों ने इससे राहत की सांस ली है, क्योंकि 2 सप्ताह में ही लगभग 22 जगह बादल फटने की घटनाएं पेश आ चुकी है। इससे लगभग 600 करोड़ रुपए की संपत्ति, 30 से ज्यादा लोगों की मौत तथा 32 से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं।
अब 4 प्वाइंट में समझे कि मानसून कमजोर क्यों पड़ा? मानसून ट्रफ की वजह से आने वाले दिनों में बरसात कैसी रहने वाली है?
- मौसम वैज्ञानिक शोभित कटिहार ने बताया, मानसून में वेस्टर्न डिस्टरबेंस नहीं, बल्कि 'मानसून ट्रफ' की वजह से बारिश होती है। उन्होंने बताया कि, 3 दिन पहले मानसून ट्रफ के दिल्ली से नॉर्थ हरियाणा की तरफ बढ़ने के संकेत मिल रहे थे। इसे देखते हुए हिमाचल में भारी बारिश के रेड व ऑरेंज अलर्ट की चेतावनी दी गई थी। मगर यह मानसून ट्रफ दिल्ली में ही होल्ड हो गया।
- शोभित कटियार ने बताया, मानसून ट्रफ नॉर्थ हरियाणा की तरफ बढ़ने के बजाय साउथ की तरफ बढ़ने के संकेत दे रहा है। इससे हिमाचल समेत जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड में भी बारिश कम हुई है।
- कटियार ने बताया, अगले 5 दिन हिमाचल में तेज बारिश के आसार नहीं है। पहाड़ों पर बारिश तभी होगी जब मानसून ट्रफ नॉर्थ की तरफ बढ़ेगा। अभी इसके कोई संकेत नजर नहीं आ रहे हैं। अभी केवल मैदानी क्षेत्रों में ही हल्की बारिश के आसार हैं।
- शोभित कटियार ने बताया, मानसून ट्रफ जब नॉर्थ की तरफ शिफ्ट होता है, तब पहाड़ों पर भारी बारिश होती है। मानसून ट्रफ जब साउथ की तरफ जाता है तो सेंट्रल इंडिया में अच्छी बारिश होती है। हिमाचल में दोबारा अच्छी बारिश के लिए मानसून ट्रफ का दोबारा नॉर्थ की तरफ बढ़ना जरूरी है।
मानसून ट्रफ है क्या?
- मानसून ट्रफ भारत में मानसून की वर्षा के लिए महत्वपूर्ण कारक है। यह न केवल बारिश लाता है, बल्कि यह मानसून की दिशा और तीव्रता को भी प्रभावित करता है।
- मानसून ट्रफ में नमी युक्त हवाएं होती हैं जो ऊपर उठती हैं और बादल बनाती हैं, जिससे बारिश होती है। मानसून ट्रफ एक निम्न दबाव का क्षेत्र है जो उत्तर-पश्चिम भारत से लेकर बंगाल की खाड़ी तक फैला है। यह एक लंबी रेखा के रूप में होता है और मानसून के दौरान सक्रिय रहता है, जिससे बारिश होती है।
मानसून सीजन में 80 की मौत
प्रदेश में इस मानसून सीजन (20 जून से 7 जुलाई) 80 लोगों की विभिन्न कारणों से जान जा चुकी है। इनमें लैंडस्लाइड से 1, फ्लैश फ्लड से 8, बादल फटने से 14, पानी में डूबने से 8, आग से 1, स्नेक बाइट से 3, बिजली के करंट से 4 ढांक या ऊंची जगह से गिरने से 9 तथा अन्य कारणों से 4 की मौत हो चुकी है। वहीं 28 लोगों ने सड़क हादसों में जान गंवाई है।
प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों में 235 सड़कें बंद पड़ी है। सबसे ज्यादा 176 सड़कें मंडी जिला में बंद पड़ी है।