IND vs ENG: ड्यूक्स की जल्दी खराब होती गेंद पर निर्माताओं का आया रिएक्शन, कहा - हम हाथ पर हाथ धरे बैठे नहीं हैं |
IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज में अब तक ड्यूक्स गेंद के जल्दी खराब होने को लेकर काफी ज्यादा विवाद देखने को मिला है, जिसपर अब इसके निर्माताओं का भी बयान सामने आया है।
भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में अभी तक किसी एक विवाद को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा देखने को मिली है, तो वह ड्यूक्स गेंदों का जल्दी खराब होना। पहले 2 टेस्ट मैच की तरह लॉर्ड्स ग्राउंड पर खेले जा रहे सीरीज के तीसरे टेस्ट में भी ये स्थिति देखने को मिली। दूसरे दिन के खेल में जब टीम इंडिया गेंदबाजी कर रही थी तो पहले सेशन के दौरान 2 बार गेंद को 18 ओवर्स के अंदर ही बदला गया। ऐसे में कई मौजूदा और पूर्व खिलाड़ी ड्यूक्स गेंद की क्वालिटी को लेकर सवाल उठा रहे हैं, जिसपर अब इसके निर्माता दिलीप जाजोदिया का पहली बार बयान सामने आया है।
क्रिकेट गेंद बनाना आसान काम नहीं है
ड्यूक्स गेंद के निर्माता दिलीप जाजोदिया ने बॉल की क्वालिटी को लेकर उठ रहे लगातार सवालों के बीच समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए अपने बयान में कहा कि वर्ल्ड क्रिकेट में केवल तीन मान्यता प्राप्त निर्माता गेंद ड्यूक्स, एसजी और कूकाबुरा का इस्तेमाल होता है। क्रिकेट गेंद बनाना आसान काम नहीं है, क्योंकि अगर ये आसान होता, तो पूरी दुनिया में इसको बनाने वाले सैकड़ों निर्माता होते। इसलिए मुझे लगता है कि खिलाड़ियों को यह समझने की जरूरत है कि हम हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठे हैं। हम अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं और जो भी समस्या दिख रही है उसमें सुधार करने का प्रयास भी कर रहे हैं।
आलोचना करना बहुत आसान है
दिलीप जाजोदिया ने अपने बयान में आगे कहा कि खिलाड़ी मेरी क्रिकेट गेंद की आलोचना कर सकते हैं। मैं भी उनके द्वारा खेले गए खराब शॉट या फेंकी गई खराब गेंद के लिए आलोचना कर सकता हूं। आप समझ सकते हैं कि मैं क्या कहना चाहता हूं। बड़े खिलाड़ी गेंद खराब होने को लेकर बहस कर सकते हैं। मुझे वही बनाना होगा जो वे चाहते हैं। मैं बस इतना ही कह सकता हूं। आलोचना करना बहुत आसान है।
यह गेंद 80 ओवर तक चलती है और ये एक चमत्कार की तरह है
भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज में ड्यूक्स गेंद के जल्दी खराब होने को लेकर दिलीप जाजोदिया ने कहा कि इस पर मौसम का असर भी देखने को मिला है तो वहीं क्रिकेट खेलने का तरीका भी बदला है जिसमें बल्लेबाज शॉट खेलने में अब ज्यादा ताकत का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे गेंद समय-समय पर बाउंड्री के बाहर जाकर टकरा रही है। ऐसे में भी यह गेंद 80 ओवर तक चलती है और ये किसी एक चमत्कार की तरह है।